"यात्रीगण अपने सामान का खुद ध्यान रखें वरना आँसू बन बहने को तैयार सब अरमान रखें " यह अल्टीमेटम किसी आम बस या फिर रेल की तरह इस पर नहीं लिखा है पर इस बचे-खुचे और लुटे-पिटे से लोकतंत्र की ...
नाम तो सुधीर लेकिन
लेखनी बिल्कुल अधीर
कविता के दर्पण में सिमटी
जीवन की हर एक तस्वीर
चिंतन के सागर में डूबी
और चेतना का नभ छूती
छंदों की सीपी में ढलती
मोती बनती मन की पीर
-सुधीर अधीर
सारांश
नाम तो सुधीर लेकिन
लेखनी बिल्कुल अधीर
कविता के दर्पण में सिमटी
जीवन की हर एक तस्वीर
चिंतन के सागर में डूबी
और चेतना का नभ छूती
छंदों की सीपी में ढलती
मोती बनती मन की पीर
-सुधीर अधीर
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या