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यथार्थ में जीना

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मैं ढूंढ कर लायी हूँ... यादों के पिटारे से कुछ अपने वो पल जो जिंदगी में खास थे वो ज्यादा तो कुछ नहीं पर जीने की आस थे .... महसूस तो होता है पर कहना मुश्किल है उन यादों में हर पल बहना मुश्किल है ...

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लेखक के बारे में
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Shipra Singh

( ये दुनियाँ एक रंग मंच है ☺️ और मैं एक बेहतरीन अदाकारा हूँ..) भीतर जमें कंकड़ को बिखेरती, समेटटी सँवारती , नवाजती हर मोड़ पर खुद के लिए रास्ता निकालती पत्थरों के ठोकरों से खुद को सम्हालती बह रही है सरी और बहती चली जायेगी..... प्रतिलिपि पुरस्कार------ 1--लेखन मैराथन 2--शार्ट स्टोरी चैलेंज- कहानी ( परदोष ) 3--मूड ऑफ द मंथ- कहानी ( स्वदेश )

समीक्षा
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    shailesh srivastava
    24 सितम्बर 2022
    बहुत खूब
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