pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

यमराज से मुलाकात

5
33

एक दिन शाम शहर में , घूम रहे थे हम । बाग में कोयल कूक और पके आम , देखकर झूम रहे थे हम । सहसा !! झाड़ियों में झंकार हुई अनजानी सी आवाज हुई , सुनकर कदम ठिठक गए , चलते चलते हम रुक गए। सामने से धुएं ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Neena Dubey
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    कैलाश अग्रवाल
    20 अगस्त 2021
    अच्छा लिखा है । भारत में अधिकांश लोग जिंदगी पे आंसू बहाते हैं । मौत पर नहीं । सादर
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    कैलाश अग्रवाल
    20 अगस्त 2021
    अच्छा लिखा है । भारत में अधिकांश लोग जिंदगी पे आंसू बहाते हैं । मौत पर नहीं । सादर