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यही तो है जीवन, यही तो है प्यार...

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ये जीवन का कैसा अजीब षड्यंत्र, जहाँ हर कदम पर, बदलता है तंत्र। फिर भी, जीना है हर पल को संवारकर, क्योंकि यही तो है जीवन, यही तो है प्यार। चाहे कितना भी  जीवन रचे  षड्यंत्र पर जीने का कभी न भूलेंगे हम ...

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लेखक के बारे में
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Prof. Dr. Hemlata Kate

पढ़ाना हमारा पेशा नहीं तो चाहत है, हमारे जीवन में हमारे छात्र ही सबकुछ है। "बिखरे हुए शब्दों को, मिलाने का प्रयास करते हैं, और उनसे एक, गहरी भावना को जन्म देते हैं।" भावना इतनी गहरी होगी, इसका हम दावा नहीं करते, पर प्रयास तो गहराई तक, पहुंचने का ही होती है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    kanhaiya khatri (. K. K .)
    22 जुलाई 2025
    सही कहा, बहुत शानदार 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
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    kanhaiya khatri (. K. K .)
    22 जुलाई 2025
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