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यह कदम्ब का पेड़

4.8
2345

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे।। ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली।। तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : सुभद्रा कुमारी चौहान जन्म : 16 अगस्त 1904, इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश) देहावसान : 15 फरवरी 1948, जबलपुर(मध्य प्रदेश) भाषा : हिन्दी विधाएँ : कविता, कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हिन्दी भाषा की एक सुप्रसिद्ध रचनाकार हैं, इनकी कविता झाँसी की रानी एक कालजयी रचना मानी जाती है। इनके सम्मान में भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया हुआ है, और साथ ही साथ भारतीय नवसेना ने अपने एक तट-रक्षक जहाज का नाम भी इनके नाम पर रखा है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    26 अक्टूबर 2018
    purani yaden ... bahut salon baad पढ़ने को मिला😍
  • author
    गीतांजलि
    01 मई 2018
    आत्मा में उतरा हुआ सुभद्रा जी का यह गीत अति प्रशंसनीय है।
  • author
    Kiran Sharma
    23 अक्टूबर 2018
    BEAUTIFUL It was in my book of class fifth after so long period I read it again it recall my childhood memory I'm glad to read it again
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    26 अक्टूबर 2018
    purani yaden ... bahut salon baad पढ़ने को मिला😍
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    गीतांजलि
    01 मई 2018
    आत्मा में उतरा हुआ सुभद्रा जी का यह गीत अति प्रशंसनीय है।
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    Kiran Sharma
    23 अक्टूबर 2018
    BEAUTIFUL It was in my book of class fifth after so long period I read it again it recall my childhood memory I'm glad to read it again