यदि परीक्षा ना होती तो… यदि परीक्षा ना होती तो कौन श्रेष्ठ फिर कहलाता सूझ-बूझ होती किसमें, फिर कौन ऊँचाई को पाता। • खुश होते बच्चे लेकिन पढ़ना लिखना न सीख पाते। मेहनत करते कितनी फिर भी अपनी ...
मैं एक इंसान हूँ और इंसान ही रहना चाहती हूँ, मुझे पठन- पाठन और लेखन का शौक है l इन्हीं के उपकरण मेरे साथी हैं | इसके अतिरिक्त कहीँ अगर रमती हूँ तो वह हैं प्रभु, गुरू एवं भजन - वंदन।
सेवानिवृत्त साहित्य शिक्षिका
यही है मेरा परिचय |
सारांश
मैं एक इंसान हूँ और इंसान ही रहना चाहती हूँ, मुझे पठन- पाठन और लेखन का शौक है l इन्हीं के उपकरण मेरे साथी हैं | इसके अतिरिक्त कहीँ अगर रमती हूँ तो वह हैं प्रभु, गुरू एवं भजन - वंदन।
सेवानिवृत्त साहित्य शिक्षिका
यही है मेरा परिचय |
बहुत सही लिखा, बचपन मे ही बच्चे इस बात को समझें पर बडों को ही समझाना होता है ।बडो की देखा देखी ही वो हर बात सीखते हैं। परीक्षा तो मनुष्य केलिये आवश्यक है हर काम परीक्षण करके ही सही माना जाता है। अपनी योग्यता बढाने के लिये ये आवश्यक मानदंड पैमाना है। ये नहो तो कुछ न होगा ।💓💕🥀🙏
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बहुत सही लिखा, बचपन मे ही बच्चे इस बात को समझें पर बडों को ही समझाना होता है ।बडो की देखा देखी ही वो हर बात सीखते हैं। परीक्षा तो मनुष्य केलिये आवश्यक है हर काम परीक्षण करके ही सही माना जाता है। अपनी योग्यता बढाने के लिये ये आवश्यक मानदंड पैमाना है। ये नहो तो कुछ न होगा ।💓💕🥀🙏
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या