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यादें

4.0
2055

मेरे सारे सपने जीवन रस के अभाव में एक-एक कर मरते चले गए.......पर तुम्हारी यादों का एक धुंधला सा धब्बा अब भी है... मेरे अंतर्मन की तलहटी में.....!!! जब - जब खिलते हैं उसमें तुम्हारी यादों के फूल मेरा ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Chanda Jaiswal
    13 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2015
    लाजवाब पंक्तियाँ || हर रात गुज़रता है कोई दिल की गली से || ओढ़े हुए यादों के पुर-असरार लिबादे
  • author
    Kuldeep Tiwari
    13 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2015
    दिल के अंतर्द्वंद को प्रकट करती बहुत उम्दा कविता कितना सुन्दर लिखा है
  • author
    Dubey Chanda
    13 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2015
    बहुत सुंदर कविता........दिल को छु गई।
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    Chanda Jaiswal
    13 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2015
    लाजवाब पंक्तियाँ || हर रात गुज़रता है कोई दिल की गली से || ओढ़े हुए यादों के पुर-असरार लिबादे
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    Kuldeep Tiwari
    13 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2015
    दिल के अंतर्द्वंद को प्रकट करती बहुत उम्दा कविता कितना सुन्दर लिखा है
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    Dubey Chanda
    13 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2015
    बहुत सुंदर कविता........दिल को छु गई।