यादें कहने को तो दो अक्षर का शब्द है परंतु खुद में एक दूसरी दुनिया समेटे हुए हैं बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हम जो भी पल जीते हैं वह पल हमारे आगे आने वाले पल के लिए याद बन जाता है। आज प्रतिलिपि पर यह ...
मेरी एक प्रेरणा हो तुम तुम्ही को रोज लिखता हूं,
तुम्हें गाता हूं गीतों में तुम्हें लय में पिरोता हूं,
तुम्ही से शब्द है मेरे तुम्ही से राग आते हैं,
तुम्ही को रोज पढ़ कर के ख्वाबों में संजोता हूं..
Shagird-e-kalam
Ritik Tiwari
सारांश
मेरी एक प्रेरणा हो तुम तुम्ही को रोज लिखता हूं,
तुम्हें गाता हूं गीतों में तुम्हें लय में पिरोता हूं,
तुम्ही से शब्द है मेरे तुम्ही से राग आते हैं,
तुम्ही को रोज पढ़ कर के ख्वाबों में संजोता हूं..
Shagird-e-kalam
Ritik Tiwari
रिपोर्ट की समस्या
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