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यादें

4.0
937

कभी तन्हाई में मुस्कुरा दिए कभी.अकेले में रो दिए वो दिलो दिमाग में छा गए इस तरह कि कभी वो पास आए तो कभी रुठ कर चल दिए दिल बडा़ ही नाजुक निकला एक झलक को तकते रह गए नींद आती नही और ख्वाबों पर उनके पहरे ...

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लेखक के बारे में
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सीमा मेहता
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Naveen Pawar
    22 जनवरी 2022
    आदरणीया महोदया जी आपकी कवितावली बहुत खुबसुरत होती है उपयुक्तता लफ्ज दिल की गहराई मे अमिट छाप छोड जाते है
  • author
    26 जनवरी 2023
    wao nice
  • author
    sovona mistry "sovona mistry"
    20 फ़रवरी 2021
    acha hai
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  • author
    Naveen Pawar
    22 जनवरी 2022
    आदरणीया महोदया जी आपकी कवितावली बहुत खुबसुरत होती है उपयुक्तता लफ्ज दिल की गहराई मे अमिट छाप छोड जाते है
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    26 जनवरी 2023
    wao nice
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    sovona mistry "sovona mistry"
    20 फ़रवरी 2021
    acha hai