pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

स्त्री

4.5
58097

A MUST READ TRUTH OF FEMALES,MALES N OUR SOCIETY.

अभी पढ़ें

Hurray!
Pratilipi has launched iOS App

Become the first few to get the App.

Download App
ios
लेखक के बारे में

Professor Faculty of Education Hindu college

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Paban Lodha
    24 मार्च 2019
    आपकी रचना को बिश्लेषन करने के लिए जिम्मेदार मानसिकता चाहिए, जनाबे राहत इन्दौरी - यूं किसी पे न ऊंगलीया उठाया करो खर्च करने के पहले कमाया करो। जिंदगी क्या है खुद ही समझ जाओगे - - - बरसात में पतंगे उड़ाया करो। नारी का प्यार पाने की कोशिश शायद ही कोई भारतीय पुरुष करता है।
  • author
    Mahira Khan
    12 फ़रवरी 2019
    bhut dino se pratilipi pr pdh rhi hun ,kbhi koi sameeksha likhne ka mn ni kiya ...mgr aapki kahani ki taarif k liye sateek shabd jaise mil hi ni rhe h aur ...tareef krne ka dil b ho rha h ..bahut hi sateek aur katu yatharh...jise shayd purush varg swikarna b n chahe ..kintu "stree" ki katu saty vyakhya ki aapne ..aap sadhwad ki patra h ...apne sahas k lie....
  • author
    Pushpita Jain
    20 फ़रवरी 2019
    अद्भुत, अप्रतिम कहानी स्त्री घमासान जो शायद सब स्त्री भी नहीं जानती।कई पंक्तियाँ निःशब्द कर गईं मुझे।एक पंक्ति" जिन्दा स्त्री को अफॉर्ड नहीं कर सकता हमारे देश का अधिकतर पुरुष वर्ग" एक कटु भाव एक कटु सत्य।धार्मिक और नास्तिक भाव और दिखावे का चित्रण भी लाजबाब है।बहुत उम्दा रचना
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Paban Lodha
    24 मार्च 2019
    आपकी रचना को बिश्लेषन करने के लिए जिम्मेदार मानसिकता चाहिए, जनाबे राहत इन्दौरी - यूं किसी पे न ऊंगलीया उठाया करो खर्च करने के पहले कमाया करो। जिंदगी क्या है खुद ही समझ जाओगे - - - बरसात में पतंगे उड़ाया करो। नारी का प्यार पाने की कोशिश शायद ही कोई भारतीय पुरुष करता है।
  • author
    Mahira Khan
    12 फ़रवरी 2019
    bhut dino se pratilipi pr pdh rhi hun ,kbhi koi sameeksha likhne ka mn ni kiya ...mgr aapki kahani ki taarif k liye sateek shabd jaise mil hi ni rhe h aur ...tareef krne ka dil b ho rha h ..bahut hi sateek aur katu yatharh...jise shayd purush varg swikarna b n chahe ..kintu "stree" ki katu saty vyakhya ki aapne ..aap sadhwad ki patra h ...apne sahas k lie....
  • author
    Pushpita Jain
    20 फ़रवरी 2019
    अद्भुत, अप्रतिम कहानी स्त्री घमासान जो शायद सब स्त्री भी नहीं जानती।कई पंक्तियाँ निःशब्द कर गईं मुझे।एक पंक्ति" जिन्दा स्त्री को अफॉर्ड नहीं कर सकता हमारे देश का अधिकतर पुरुष वर्ग" एक कटु भाव एक कटु सत्य।धार्मिक और नास्तिक भाव और दिखावे का चित्रण भी लाजबाब है।बहुत उम्दा रचना