pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

वो टीचर धन्य हैं

5
2

वो टीचर धन्य हैं, जो मुझे मार कर रस्ते पर ले आए, मैं बस्ते में कापी, किताब रख, घर से विद्यालय आता था, पर किताब बस्ते से निकलता नहीं, सिर्फ खेल में दिल बहलाता था, कुछ भी पूछा जाता तो, चुप चाप खड़ा हो ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Ashwini Kumar
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Reshma Parveen
    06 सितम्बर 2024
    amazing nice written 💖
  • author
    महेश समीर
    09 सितम्बर 2024
    अति उत्तम
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Reshma Parveen
    06 सितम्बर 2024
    amazing nice written 💖
  • author
    महेश समीर
    09 सितम्बर 2024
    अति उत्तम