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वो सुबह अब नही होगी...

4.9
201

आज ये रात बहोत काली है, शायद मुलाकात हमारी ये आखिरी है... बस गुज़ारीश उस सुबह की है, जो मुझे फिर करीब आपके ले आए... आपका हाथ फिर मेरे हाथों मे हो, चलो ना अपनी एक अलग दुनिया बनाए... आपकी खुशबू से, ...

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लेखक के बारे में
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अंजान

क़िसी की याद में किसी के इंतज़ार में.. ख़यालो की दुनिया में ज़िंदगी की तलाश में..

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Riya Riya
    20 मई 2019
    dis one is my most fav of all of urs poetries till now
  • author
    05 मई 2022
    बहुत सुन्दर👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    Preety B
    29 अप्रैल 2022
    amazing 👌
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    Riya Riya
    20 मई 2019
    dis one is my most fav of all of urs poetries till now
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    05 मई 2022
    बहुत सुन्दर👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
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    Preety B
    29 अप्रैल 2022
    amazing 👌