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वो रहस्यमयी रात...!

4.3
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सर्दी का मौसम था...रात के लगभग बारह बज रहे थे...काफी देर तक रजाईमें पड़े रहने के बाद भी सर्दी से हाथ पॉव बिल्कुल ठंडा पड़ा था...मैंने गैसचूल्हे को अॉन किया...काफी देर तक यूँ ही गैस के आग में हाथ-पॉव ...

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लेखक के बारे में

मैं शुभम् मूल रूप से भागलपुर(बिहार) का रहने वाला हूँ... वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) से स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र हूँ...बचपन से मुझे कहानी व कविताएं लिखने में रूचि थी लेकिन दसवीं के बाद कुछ कारणों से मैं साहित्य से दूर चला गया था...स्नातक में आने के बाद मैंने पुनः लिखना आरंभ किया है.. उम्मीद है आपको मेरी लेखनी पसंद आएगी...।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Yakoob Khan "अंशु"
    05 ಆಗಸ್ಟ್ 2019
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
  • author
    Harshita Singh
    25 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2018
    achhi koshish hai, aap achha likhte h... likhte rahiye god bless you...
  • author
    ASHUTOSH SINGH
    23 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2018
    aur mehnat kijiye shubham ji
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  • author
    Yakoob Khan "अंशु"
    05 ಆಗಸ್ಟ್ 2019
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
  • author
    Harshita Singh
    25 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2018
    achhi koshish hai, aap achha likhte h... likhte rahiye god bless you...
  • author
    ASHUTOSH SINGH
    23 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2018
    aur mehnat kijiye shubham ji