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वो चली गई

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आज सुबह-सुबह  एक फोन कोल ने मुझे पूरी तरह से हिला कर रख दिया ....................... उसका और मेरा लगभग 4 साल का साथ था वह इस कदर मेरे मन में समा गई थी कि उसे छोड़ना कल्पना से भी परे लगता था इन 4 ...

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,@kavya
समीक्षा
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    30 नवम्बर 2021
    हा हा हा... बहुत सही! हाँ लेकिन, कहानी के नायक की महरी के प्रति आत्मीयता के बखान में कुछ अतिशयोक्ति अवश्य कर दी है आपने! 'वह इस कदर मेरे मन में समा गई थी कि... ' -इस वाक्यांश को लिखने से बचा जा सकता था☺️।
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    21 नवम्बर 2021
    आरंभ से अपने दिल को थामे किसी अनहोनी की आशंका से साँस रोककर पढ़ती चली गई और अंत ....अंत ने ठठाकर हँसने को विवश कर दिया😅😅😅😅😅😅😅
  • author
    संजू भदौरिया
    28 अगस्त 2020
    😃😃😃😃 वाह क्या बात है । अंत तक सस्पेंस बनाए रखा । शानदार 👍👍
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    30 नवम्बर 2021
    हा हा हा... बहुत सही! हाँ लेकिन, कहानी के नायक की महरी के प्रति आत्मीयता के बखान में कुछ अतिशयोक्ति अवश्य कर दी है आपने! 'वह इस कदर मेरे मन में समा गई थी कि... ' -इस वाक्यांश को लिखने से बचा जा सकता था☺️।
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    21 नवम्बर 2021
    आरंभ से अपने दिल को थामे किसी अनहोनी की आशंका से साँस रोककर पढ़ती चली गई और अंत ....अंत ने ठठाकर हँसने को विवश कर दिया😅😅😅😅😅😅😅
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    संजू भदौरिया
    28 अगस्त 2020
    😃😃😃😃 वाह क्या बात है । अंत तक सस्पेंस बनाए रखा । शानदार 👍👍