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वो आखिरी मुलाक़ात

3.9
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इस कहानी को पढ़ कर यही लगेगा कि अधूरी है पर जो कहानी का विषय है "जाने कहाँ गए वो दिन" उसको संदर्भ में रखकर पढ़ेंगे तो आप कहानी को समझ पाएंगे।

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लेखक के बारे में

Dr Manish Kumar Gupta मुझे कविता लिखना पसंद है| हमने लखनऊ के नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज से बी. एच. एम. एस. किया है | और लखनऊ मे ही होम्योपैथिक प्राइवेट प्रैक्टिस करता हूँ | जिन्दगी की बहुत सारी ख्वाहिशें होती हैं, कुछ पूरी हो जाती हैं और कुछ को पूरा करने में पूरा जीवन गुजर जाता है। हमारी भी सिर्फ एक छोटी सी ही ख्वाहिश है दुनिया में नाम कमाना चाहे वो कविता या कहानी के माध्यम से हो या किसी और माध्यम से । क्या लिखता हूँ कैसे लिखता हूं मुझे भी नहीं मालूम बस जिन्दगी के कुछ खट्टे मीठे अनुभव है जो खुद ब खुद कागजों मे उतर आते हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mini Oza Oza "Many"
    08 दिसम्बर 2017
    aapki kanaaniyaa bahot hi achchi hoti haii....kabhi kabhi mere savalo k javab....aapki kahaaniyo me se mil jate haii....☺
  • author
    Asha Shukla ""Asha""
    21 दिसम्बर 2018
    very nice ,..beautiful.. interesting story.. please read my story,, pukar,, and other stories.
  • author
    aniketmadhusudan patel "Patel"
    20 सितम्बर 2021
    किसी भी चीज की देरी ठीक नहीं है
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    Mini Oza Oza "Many"
    08 दिसम्बर 2017
    aapki kanaaniyaa bahot hi achchi hoti haii....kabhi kabhi mere savalo k javab....aapki kahaaniyo me se mil jate haii....☺
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    Asha Shukla ""Asha""
    21 दिसम्बर 2018
    very nice ,..beautiful.. interesting story.. please read my story,, pukar,, and other stories.
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    aniketmadhusudan patel "Patel"
    20 सितम्बर 2021
    किसी भी चीज की देरी ठीक नहीं है