कमरे के अँधेरे में उसके आसूँ दिखते नहीं, उसके आँसू विलुप्त हो चुकें है उसके अस्तित्व की ही तरह सोचती है... बचपन से पापा कहते है.. ''यह मेरी बेटी नहीं बेटा है'' अम्मा भी तो कहती थी ''तू है मेरा ...
दिल्ली विश्वविद्यालय से शोध कर रहा हूँ एक छोटे से गाँव से आया हूँ इसीलिए भीतर अब भी गाँव बहुत कुछ जिंदा है ..
पढ़ना,लिखना,समाज को कुछ अलग नजरिये से देखना ,थोड़ा अल्हड़पन,एक बालमन,थोड़ा प्यार बस यही हूँ - "मैं"
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सारांश
दिल्ली विश्वविद्यालय से शोध कर रहा हूँ एक छोटे से गाँव से आया हूँ इसीलिए भीतर अब भी गाँव बहुत कुछ जिंदा है ..
पढ़ना,लिखना,समाज को कुछ अलग नजरिये से देखना ,थोड़ा अल्हड़पन,एक बालमन,थोड़ा प्यार बस यही हूँ - "मैं"
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