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वो कौन थी ?

3.5
91163

<p>हम अपने ड्राइंग रूम में बैठे टी वी देख रहे थे। श्रीमतीजी ने कहा &#39;बहुत रात हो गयी है मैं सोने जा रही हूँ। चलो तुम लोग भी टी वी बंद करो और सोने चलो। &#39; इतना कह कर वो उठ के बैडरूम में ...

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लेखक के बारे में

Hindi fiction writer with 700k readers, 3k followers. Author of Hindi story book "प्रेम संस्मृति" and "विचार गाथा".

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nikhil Singh Sisodiya
    22 মে 2018
    मतलब अब हमे अपनी मोटरसाईकिल कार फ़्रिज टीवी कुलर पंखा इन सबका ध्यान रखना पडेगा क्युकी हम इतना भयानक मंजर कभी भी नही देखना चाहेंगे...... 😅😅😅😅 पर बोहोत ही अच्छी कल्पना थी पढने मे बोहोत आनंद आया शुरु मे थोडा डर का अहसास हुआ पर आखिर मे सब कुछ गायब
  • author
    Aakash's Effect
    20 মে 2019
    था क्या ये? सुबकने की आवाज, हाथों में आंसुओं का गीलापन, साया, आग की लपटें और अंत में उनका खुलासा? प्रयास बहुत बढ़िया किया आप ने पर उचित सामंजस्य बैठा नही पाए। कथा न तो भयभीत करने में सफल रही और न ही हंसाने में।
  • author
    Parmar Lalit
    05 মার্চ 2018
    hahaha... 😂.... start up to badiya hai... sala End par hasi aa gai... 😂
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    Nikhil Singh Sisodiya
    22 মে 2018
    मतलब अब हमे अपनी मोटरसाईकिल कार फ़्रिज टीवी कुलर पंखा इन सबका ध्यान रखना पडेगा क्युकी हम इतना भयानक मंजर कभी भी नही देखना चाहेंगे...... 😅😅😅😅 पर बोहोत ही अच्छी कल्पना थी पढने मे बोहोत आनंद आया शुरु मे थोडा डर का अहसास हुआ पर आखिर मे सब कुछ गायब
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    Aakash's Effect
    20 মে 2019
    था क्या ये? सुबकने की आवाज, हाथों में आंसुओं का गीलापन, साया, आग की लपटें और अंत में उनका खुलासा? प्रयास बहुत बढ़िया किया आप ने पर उचित सामंजस्य बैठा नही पाए। कथा न तो भयभीत करने में सफल रही और न ही हंसाने में।
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    Parmar Lalit
    05 মার্চ 2018
    hahaha... 😂.... start up to badiya hai... sala End par hasi aa gai... 😂