pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

वो गुलाब के फूल

4.6
9106

अब ट्रेन प्लेटफार्म पर आती दिखने लगी थी| यात्रियों में चहल-पहल शुरू हो गई| अंकुर ने भी राहत की सांस ली और अपने बैग को उठा लिया| ट्रेन का टाइम पर आ जाना भी कितनी राहत की बात होती है, जैसे सुबह टाइम पर ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
संदेश नायक

'ज़िंदगी दोबारा' मेरी पहली कहानी थी जो 'प्रभात प्रकाशन' नई दिल्ली की पत्रिका 'साहित्य अमृत' में दिसंबर 2015 में प्रकाशित हुई जो कि 'युवा हिंदी कहानी प्रतियोगिता के अंतर्गत पुरस्कृत थी। जनवरी 2016 में मेरा पहला कहानी-संग्रह, 'मन के मंजीरे' अंजुमन प्रकाशन इलाहबाद द्वारा प्रकाशित हुआ। इसी कहानी संग्रह में से एक कहानी 'पांच बीघा' है। 'पड़ोसी की चिंता' कहानी अंजुमन प्रकाशन की छमाही पत्रिका के द्वितीय अंक में प्रकाशित हो चुकी है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shashi Sahu
    28 जानेवारी 2019
    lovely story nice
  • author
    10 जानेवारी 2020
    मित्रवर श्री संदेश नायक जी बहुत-बहुत बधाई और साधुवाद। संवेदनशील और भावुक इंसाान का प्यार समस्त सीमाएं लांघ कर भी अपने प्रिय के संकट को हर लेना चाहता है।प्यार की कोई सीमा नही होती और न ही प्यार करने वाले की कोई सीमा होती है। प्यार करने वाले जब प्यार के रूहानी सागर में गोते लगाते हैं, तो जिस्म नजर-अंदाज हो जाता है।पति पत्नी का आत्मीय प्यार उनकी समृति में ही बसा रहता है।सुन्दर और भावनाओं से ओतप्रोत कहानी लिखने के लिए आपको पुनः बधाई।यदि संभव हो तो " चाँद की चाहत " पढकर देख लीजिए। धन्यवाद।
  • author
    Pragya Mishra
    09 एप्रिल 2021
    apki story achi lagi sir.. sticker dekar chhoti si bhet apko dena chahenge... aur bahut sundar likhte.. dhanyavaad
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shashi Sahu
    28 जानेवारी 2019
    lovely story nice
  • author
    10 जानेवारी 2020
    मित्रवर श्री संदेश नायक जी बहुत-बहुत बधाई और साधुवाद। संवेदनशील और भावुक इंसाान का प्यार समस्त सीमाएं लांघ कर भी अपने प्रिय के संकट को हर लेना चाहता है।प्यार की कोई सीमा नही होती और न ही प्यार करने वाले की कोई सीमा होती है। प्यार करने वाले जब प्यार के रूहानी सागर में गोते लगाते हैं, तो जिस्म नजर-अंदाज हो जाता है।पति पत्नी का आत्मीय प्यार उनकी समृति में ही बसा रहता है।सुन्दर और भावनाओं से ओतप्रोत कहानी लिखने के लिए आपको पुनः बधाई।यदि संभव हो तो " चाँद की चाहत " पढकर देख लीजिए। धन्यवाद।
  • author
    Pragya Mishra
    09 एप्रिल 2021
    apki story achi lagi sir.. sticker dekar chhoti si bhet apko dena chahenge... aur bahut sundar likhte.. dhanyavaad