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तुम्हारा साथ

4.6
11995

"माधुरी, जब हम दोनों ने एक-दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण कर दिया तो फिर हमारा वजूद अलग कैसे हो सकता है? दो लोग जब अलग-अलग होते हैं तो उनकी पहचान अलग होती है पर रिश्ते में बंधते ही एक हो जाता है। ...

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लेखक के बारे में
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pooja Geet
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Madhu Bagai
    06 ऑक्टोबर 2019
    प्यार की पूर्णता समर्पण में ही है। बात एक दूसरे की भावनाओं को समझने और सम्मान देने की होती है। इन रिश्तों की मिठास अंत तक बरकरार रहती है। उद्देश्य सफल
  • author
    Disha Yadav
    12 फेब्रुवारी 2020
    very nice story, dil khush ho gya. aisa hi pyar husband wife me hona chahiye.lekin aisa hota nhi hai , house wife to aksar old age me bilkul akeli rh jaati hai unki feelings ki koi importance nhi hoti hai.
  • author
    Sarita Thakur
    12 फेब्रुवारी 2020
    बहुत ही अच्छी कहानी है । पति पत्नी की प्रेम का बहुत ही सटीक चित्रण किया है।कहने में बहुत छोटा सा शब्द है- समर्पण लेकिन इसी एक शब्द में दांपत्य जीवन का अस्तित्व छुपा है ।
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    Madhu Bagai
    06 ऑक्टोबर 2019
    प्यार की पूर्णता समर्पण में ही है। बात एक दूसरे की भावनाओं को समझने और सम्मान देने की होती है। इन रिश्तों की मिठास अंत तक बरकरार रहती है। उद्देश्य सफल
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    Disha Yadav
    12 फेब्रुवारी 2020
    very nice story, dil khush ho gya. aisa hi pyar husband wife me hona chahiye.lekin aisa hota nhi hai , house wife to aksar old age me bilkul akeli rh jaati hai unki feelings ki koi importance nhi hoti hai.
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    Sarita Thakur
    12 फेब्रुवारी 2020
    बहुत ही अच्छी कहानी है । पति पत्नी की प्रेम का बहुत ही सटीक चित्रण किया है।कहने में बहुत छोटा सा शब्द है- समर्पण लेकिन इसी एक शब्द में दांपत्य जीवन का अस्तित्व छुपा है ।