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काश मेरी भी डोली सजती !

4.0
99631

एक लड़की जीवन के संघर्षों से घबड़ाकर परिवार को याद करती है |

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लेखक के बारे में
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Arya Jha

जीवन की खूबसूरती को प्रतिपल महसूस करती हूँ ,साहित्य एक निमित्त है जिसके द्वारा भावों की अभिव्यक्ति सुकून देती है !

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    RAM Krishna das
    26 जून 2019
    aaj ke samay ke liye ye kahani satik hai.ak ladaki ke sangharsh darshati hai.
  • author
    Sneha Jha
    11 अप्रैल 2019
    nice
  • author
    अंशु शर्मा "धरा"
    09 मार्च 2019
    जो होना होता है वो होता है । लड़की परिवार के खिलाफ गई बस अंतरमन ये सोच रहा था। माता पिता नाराज हो सकते हैं पर इतना बुरा नहीं सोचते सकते । ये केवल मन ही है जो सही ग़लत खुद सोचता है । वास्तविक है या नहीं ये नहीं पता। बढ़िया कहानी।
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    RAM Krishna das
    26 जून 2019
    aaj ke samay ke liye ye kahani satik hai.ak ladaki ke sangharsh darshati hai.
  • author
    Sneha Jha
    11 अप्रैल 2019
    nice
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    अंशु शर्मा "धरा"
    09 मार्च 2019
    जो होना होता है वो होता है । लड़की परिवार के खिलाफ गई बस अंतरमन ये सोच रहा था। माता पिता नाराज हो सकते हैं पर इतना बुरा नहीं सोचते सकते । ये केवल मन ही है जो सही ग़लत खुद सोचता है । वास्तविक है या नहीं ये नहीं पता। बढ़िया कहानी।