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गलती किसकी थी

4.3
10434

वो दिन बहुत खुशनुमा था, जब पहली बार माझी की मुलाकात सर्वेश से हुई। लखनऊ की भागदौड़ में कौन किसका होता है, और उसमें अगर कोई आपको आके ये कहे कि आप बहुत खूबसूरत हैं, तो शायद कहीं न कहीं हृदय के एक ...

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राहुल (देव)

जिनका न आदि है, न जिनका अंत है.... वो सर्वग्य हैं, स्वयंभू है.... परमेश्वर हैं.... परमपिता हैं... वो ही मृत्युंजय है.... हर जीव में उनका वास है... हर जन्म में उन्हीं का जन्म होता है, और हर मृत्यु में उन्ही की मृत्यु भी.....वो ही कोटि कोटि ब्रह्माण्ड के रचयिता हैं, पालनकर्ता हैं और संहारकर्ता भी वही हैं..। मन का वेग हैं और महासमाधि का ध्यान भी वही हैं....परित्यक्त के आश्रय हैं, गंगाधर हैं, नीलकंठ हैं, अर्धनारीश्वर हैं, नटराज हैं, भोले हैं, महासन्यासी हैं... ओमकार जिनकी वाणी है, भांग, धतूरा और विल्व पत्र जिनको अति प्रिय है.... वो शिव हैं, शम्भू है, महाकाल हैं, निरंजन हैं.... हर स्वरूप सजीव या निर्जीव में उन्ही का वास है... कण कण में विद्यमान है.... विश्वेश्वर, त्रयम्बक, त्रिपुरान्तक, महारुद्र, सर्वेश्वर, सदाशिव हैं....ऐसे मेरे नाथ अर्द्धनारीश्वर महादेव को मैं कोटि कोटि नमन करता हूँ..... ~~ हर हर महादेव ~~

समीक्षा
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  • author
    गौरी शुक्ला
    14 अगस्त 2018
    गलतफहमी में पैदा हुए सवालों के जवाब अगर हम खुद ढूंढ ले तो दूरियां बढ़ती जाती है और ये एक दिन उसे तोड़ भी देती है..! very nicely written
  • author
    विद्या शर्मा
    14 अगस्त 2018
    shi kha aapne bina jane smjhe gltfhmi palne ka akser yhi anjam hota hai...or kismt sbko mauke nhi deti...nice story..
  • author
    Asha Jha "सखी"
    27 जुलाई 2020
    अच्छी कहानी है पर अंत थोड़ा और विस्तार से होता तो और भी बेहतरीन होती रचना
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    गौरी शुक्ला
    14 अगस्त 2018
    गलतफहमी में पैदा हुए सवालों के जवाब अगर हम खुद ढूंढ ले तो दूरियां बढ़ती जाती है और ये एक दिन उसे तोड़ भी देती है..! very nicely written
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    विद्या शर्मा
    14 अगस्त 2018
    shi kha aapne bina jane smjhe gltfhmi palne ka akser yhi anjam hota hai...or kismt sbko mauke nhi deti...nice story..
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    Asha Jha "सखी"
    27 जुलाई 2020
    अच्छी कहानी है पर अंत थोड़ा और विस्तार से होता तो और भी बेहतरीन होती रचना