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जब क्रिकेट से मिलने बाकी खेल आए…

4.9
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बड़ी दुविधा में खेल खुस-पुस कर बोले... हम अदनों से इतनी बड़ी हस्ती का मान कैसे डोले? आँखों की शिकायत मुँह से कैसे बोलें? कैसे डालें क्रिकेट पर इल्ज़ामों के घेरे? अपनी मुखिया हॉकी और कुश्ती तो खड़ी ...

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लेखक के बारे में

Mohit Trendster was born in Aligarh, India as Mohit Sharma. He is an author, poet, researcher, and social activist who believes ideas are (slightly) more important than exposition. He is the founder of Freelance Talents, Kavya Comics (Poetry Comics), and Indian Comics Fandom. Mohit has a distinctively vivid background as his published works include anthologies, comics, articles, blogs, movies, novels, podcasts, non-fiction etc. He has contributed Hindi and English columns-articles for the local media, websites over the years. Alternate names - मोहित शर्मा ज़हन, Trendy Baba, Education - MA Journalism & Mass Communication, MBA (Energy Finance).

समीक्षा
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  • author
    Doctor Shiv Pratap
    14 जनवरी 2020
    खेलों की दुर्दशा के लिए क्रिकेट जिम्मेदार नहीं है याद कीजिए 83 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम का स्वागत करने के लिए बीसीसीआई के पास पैसे नहीं थे उसे लता मंगेशकर का प्रोग्राम कराना पड़ा था तब जाकर क्रिकेट टीम को वापस ला पाई और उनको पेमेंट दे पाई थी क्रिकेट आज जिस हालत में पहुंचा है उसके पीछे क्रिकेटरों की मेहनत और जगमोहन डालमिया जैसे प्रशासकों की व्यावहारिक रणनीति थी बाकी के खेल केवल सरकार के भरोसे बैठे रहे इसलिए वो पिछड़ते चले गए
  • author
    विशाल पंवार
    10 मार्च 2020
    गलती खेल की होती ही नहीं है सोच की होती है एक और बात हम लोग खेल से नहीं पैसे से प्यार करते है यह उस खेल को इज्जत ज्यादा दी जाती है जिसमें पैसा ज्यादा होता है स्कूल में सपोर्ट को ऐसे देखा जाता जैसे बच्चों ने गलत रास्ते पकड़ लिए हो सुंदर रचना है और सच भी
  • author
    20 जून 2019
    खूबसूरत रचना कितनी खूबसूरती के साथ लिखी है।पर इतना तो बतादें जनाब आपकी समझ किस खेल से जुडी है।।👌👌
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    Doctor Shiv Pratap
    14 जनवरी 2020
    खेलों की दुर्दशा के लिए क्रिकेट जिम्मेदार नहीं है याद कीजिए 83 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम का स्वागत करने के लिए बीसीसीआई के पास पैसे नहीं थे उसे लता मंगेशकर का प्रोग्राम कराना पड़ा था तब जाकर क्रिकेट टीम को वापस ला पाई और उनको पेमेंट दे पाई थी क्रिकेट आज जिस हालत में पहुंचा है उसके पीछे क्रिकेटरों की मेहनत और जगमोहन डालमिया जैसे प्रशासकों की व्यावहारिक रणनीति थी बाकी के खेल केवल सरकार के भरोसे बैठे रहे इसलिए वो पिछड़ते चले गए
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    विशाल पंवार
    10 मार्च 2020
    गलती खेल की होती ही नहीं है सोच की होती है एक और बात हम लोग खेल से नहीं पैसे से प्यार करते है यह उस खेल को इज्जत ज्यादा दी जाती है जिसमें पैसा ज्यादा होता है स्कूल में सपोर्ट को ऐसे देखा जाता जैसे बच्चों ने गलत रास्ते पकड़ लिए हो सुंदर रचना है और सच भी
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    20 जून 2019
    खूबसूरत रचना कितनी खूबसूरती के साथ लिखी है।पर इतना तो बतादें जनाब आपकी समझ किस खेल से जुडी है।।👌👌