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वक़्त

4.5
11181

पापा चाय फिर से ठंडी हो गई ,निशा के इन शब्दों से उसकी की तंद्रा भंग हो गई ,कब से वो अतीत के गलियारे में टहल रहा था ...खुद को बहुत ही बेचैन महसूस कर रहा था ,नेहा ने लाइट ऑन की ,कमरा रौशनी से भर गया ...

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लेखक के बारे में
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मंजू शर्मा
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Achal Yadav
    30 अक्टूबर 2018
    बहुत सुन्दर रचना।
  • author
    Bharti Verma
    12 मार्च 2020
    कहानी अच्छी थी एक ही घर की दो बहुओं के दो अलग रूप। लेकिन लेखन में बहुत ही ज्यादा अशुद्धियां है लिखने के बाद शायद बिना पढ़े ही पोस्ट कर दिया आशा है ऐसी गलती फिर न होगी
  • author
    Rupesh
    20 मार्च 2020
    very good story. But before uploading the story please cross check the name, some where Nisha some where Neha. be careful next time.
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  • author
    Achal Yadav
    30 अक्टूबर 2018
    बहुत सुन्दर रचना।
  • author
    Bharti Verma
    12 मार्च 2020
    कहानी अच्छी थी एक ही घर की दो बहुओं के दो अलग रूप। लेकिन लेखन में बहुत ही ज्यादा अशुद्धियां है लिखने के बाद शायद बिना पढ़े ही पोस्ट कर दिया आशा है ऐसी गलती फिर न होगी
  • author
    Rupesh
    20 मार्च 2020
    very good story. But before uploading the story please cross check the name, some where Nisha some where Neha. be careful next time.