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वृद्धाश्रम

4.6
1485

छियासी वर्ष की उम्र में गिरधारी लाल एकदम चुप रहने लगे। पहले सबसे बोलते और खुशी गमी के सभी मौकों पर आगे रह कर सबका मार्गदर्शन करते थे। पिछले वर्ष जीवन संगनी के स्वर्ग सिधारने के पश्चात चुप हो गए। ...

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लेखक के बारे में

फुरसत के पल कलम के साथ बिताता हूँ। प्रतिलिपि ने 2016 में मुझे लोकप्रिय लेखक का एक छोटा सा सम्मान दिया। अप्रैल 2022 में कहानी 'पागल' को पुरस्कृत किया। प्रतिलिपि सुपर लेखक अवार्ड्स 4 में "यही जीवन है" सम्मानित है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    tareshwari mishra
    02 मार्च 2022
    बहुत बेहतरीन कहानी आज के समय में इस तरह को कहानियां बहुत प्रेरक हैं
  • author
    Seema Garg
    21 मई 2021
    बहुत बढ़िया लिखा आपने सच में आज ऐसे ही प्रेरणा प्रद लेखन की आवश्यकता है।
  • author
    पवनेश मिश्रा
    19 फ़रवरी 2020
    वृद्धाश्रम, विचारणीय लघुकथा 🙏🌹🙏,
  • author
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    tareshwari mishra
    02 मार्च 2022
    बहुत बेहतरीन कहानी आज के समय में इस तरह को कहानियां बहुत प्रेरक हैं
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    Seema Garg
    21 मई 2021
    बहुत बढ़िया लिखा आपने सच में आज ऐसे ही प्रेरणा प्रद लेखन की आवश्यकता है।
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    पवनेश मिश्रा
    19 फ़रवरी 2020
    वृद्धाश्रम, विचारणीय लघुकथा 🙏🌹🙏,