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वृद्धावस्था में उपेक्षा का दर्द

4.6
2057

वृद्धावस्था उस अवस्था को कहा गया है जिस उम्र में मानव-जीवन काल के समीप हो जाता है। वृद्ध लोगों को विविध प्रकार के शारीरिक व मानसिक रोग लगने की अधिक सम्भावना होती है। उनकी समस्याएँ भी अलग होती हैं। ...

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लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
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  • author
    डी.कल्याणी
    25 फ़रवरी 2017
    यह आलेख सच्चाई को बयाँ करता है | ऐसे लेखन की साहित्य और समाज को आवश्यकता है | धन्यवाद
  • author
    Study Helper
    04 अप्रैल 2019
    ATI Uttam prernaspad
  • author
    Gordhan Lal Gurjar
    15 जनवरी 2019
    सही लिखा है श्री मान जी आपने, शायद कुछ लोगों को इससे प्रेरणा मिले शायद, इस लिए बोल रहा हुं की कुछ लोग हेडिंग देखकर भी इग्नोर कर देगें धन्यवाद्
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    डी.कल्याणी
    25 फ़रवरी 2017
    यह आलेख सच्चाई को बयाँ करता है | ऐसे लेखन की साहित्य और समाज को आवश्यकता है | धन्यवाद
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    Study Helper
    04 अप्रैल 2019
    ATI Uttam prernaspad
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    Gordhan Lal Gurjar
    15 जनवरी 2019
    सही लिखा है श्री मान जी आपने, शायद कुछ लोगों को इससे प्रेरणा मिले शायद, इस लिए बोल रहा हुं की कुछ लोग हेडिंग देखकर भी इग्नोर कर देगें धन्यवाद्