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वो लड़की बहुत याद आती है

4.3
11502

शाम के 7 बजने को थे,रेलवे स्टेशन पर खाली बेंच पर एक युवक दोनों हाथों को अपनी ठुड्डी पर रखकर पटरियों की तरफ निहारते हुए गहरी सोच में डूबा था। जिंदगी की रफ्तार के साथ कदमताल की कोशिश और ...

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लेखक के बारे में

नाम- अतुल कुमार शर्मा लेखक एवम कवि, स्क्रिप्ट राइटर. निवास स्थान- भोपाल , मध्य प्रदेश. पिता का नाम- श्रीमान द्वारका प्रसाद शर्मा माता का नाम-श्रीमती आशा शर्मा शिक्षा- Bsc.(Biology),MSW,MPhil.PHD. ईमेल- [email protected] में ऐसा कुछ भी नही लिखता जिसे एक वर्ग विशेष ही पढ़ सके। मेरी हर कृति अपने आप मे सरलता लिए जीवन के विभिन्न रंगों को बिखेरती है। जो हर वर्ग के पाठकों से सीधे संवाद करती है। में हर विषय पर लिखता हूँ। फिर वो चाहे सामाजिक हो ,राजनीतिक हो , आर्थिक समस्याओं पर कोई लेख हो या कल्पना लोक का संसार। में लेखन के नियम तो नही जानता, पर जो मुझे अच्छा लगता है अपने अंदाज में कागज़ पर उकेर देता हूँ । मै एक कुशल लेखक की तरह वास्तविकता को लेकर औरों के अनुभवों से ऐसा कुछ भी लिखने में ज्यादा सक्षम नही हूँ। यूँ कह लीजिए में वही अच्छे से लिख पाता हूँ जिसे मेने स्वयम अनुभव किआ हो या मेरे साथ घटा हो। लेखक के लिए आवश्यक है पाठकों के हृदय में अपने शब्दों से जगह बनाना। शब्द जो भावनाओ को अभिव्यक्ति देते हैं। शब्द जो पढ़ने वाले के हृदय में हमेशा के लिए घर बना लेते हैं। किताबी बातें ना करते हुए ऐसा कुछ सार्थक लिखना जो जन जन के जीवन की झांकी को प्रस्तुत करे। कलम से ऐसा कुछ निकले जिससे समाज मे सकारात्मक परिवर्तन आ सके। जो जन जन की भावनाओं को अभिव्यक्ति दे सके। जो पाठक का मनोरंजन भी कर सके और मार्गदर्शन भी। कम शब्दों में बहुत कुछ अभिव्यक्त कर सके। लेखक और पाठक का सम्बंध शब्दों की सरलता और उसमें निहित गहराइ पर निर्भर करता है। आप सभी आदरणीय सम्मानित पाठकों के स्नेह और सम्मान से हम जैसे तुच्छ लेखकों का अस्तित्व है। कोशिश करते हैं ज़िंदगी के विविध रंगों को अपनी कलम से उकेर कर आप तक पहुंचाने की।आप सभी का स्नेह ही मेरी अनमोल पूंजी है। यदि मेरी कलम से कुछ सकारात्मक और ठोस परिवर्तन व्यक्ति और समाज में आ सकता है तो मेरा लिखना सार्थक हो जाएगा। आप सभी सम्माननीय पाठकों का हृदय से आभार एवम अभिनंदन...👍 #जयसियाराम# Email- [email protected]

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pradhan Dil
    16 अप्रैल 2020
    प्रिय अतुल जी कहानी अधुरी जैसी लग रहि है हो सके इस को पुरा करने की कृपा करे ।
  • author
    Mahendra Verma
    23 अक्टूबर 2021
    इस रचना ने मेरे अतीत को उकेर दिया। बहुत ही हृदय स्पर्शी घटना है। ऐसे बिछड़ने पर ( जैसे गौरव और उनकी उस अनजान दोस्त) ऐसा लगता है मानो यही आखरी मित्रता थी। इसके बाद ना वैसा वाला यार में मन लगता है ना प्यार में।। रचना बहुत ही हृदयस्पर्शी है अतुल भईया।।🙏
  • author
    Abhay Sandheliya
    17 सितम्बर 2017
    बस इतना ही कहना चाहूंगा गौरव जी काजल जैसा व्यक्त्वि हर किसी का नही है बीते हुए कल में गौरव के जीवन मे न होते हुए आपके हर पल साथ थी ।ऐसी कामना करते है आने वाले कल में यदि साथ न हो तो वो आपकी हिम्मत और प्रेरणा रहेगी
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    Pradhan Dil
    16 अप्रैल 2020
    प्रिय अतुल जी कहानी अधुरी जैसी लग रहि है हो सके इस को पुरा करने की कृपा करे ।
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    Mahendra Verma
    23 अक्टूबर 2021
    इस रचना ने मेरे अतीत को उकेर दिया। बहुत ही हृदय स्पर्शी घटना है। ऐसे बिछड़ने पर ( जैसे गौरव और उनकी उस अनजान दोस्त) ऐसा लगता है मानो यही आखरी मित्रता थी। इसके बाद ना वैसा वाला यार में मन लगता है ना प्यार में।। रचना बहुत ही हृदयस्पर्शी है अतुल भईया।।🙏
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    Abhay Sandheliya
    17 सितम्बर 2017
    बस इतना ही कहना चाहूंगा गौरव जी काजल जैसा व्यक्त्वि हर किसी का नही है बीते हुए कल में गौरव के जीवन मे न होते हुए आपके हर पल साथ थी ।ऐसी कामना करते है आने वाले कल में यदि साथ न हो तो वो आपकी हिम्मत और प्रेरणा रहेगी