वो आया था बड़ा पशेमान सा ,कुछ दर्द गाने को हमें मालूम था वह दिल किसी का तोड़ आया था । न थी जलती हुई आँखों में कोई प्यार की नरमी , वो आशिक के जिगर को बेदिली से तोड़ आया था । कहानी चल रही थी ,सीधे रस्ते भी , बहुत धीरे , मगर उसने हजारों बार, उसमें मोड़, लाया था । निगहबानी में ऐसे लोग से मोहब्बत को खतरा है , अकूबत में आशिक़ी का आशियाना छोड़ आया था । हक़ीक़त में तो अब वीरान है दिल की यहाँ दुनिया , वो नगमें सारे झूठे थे जो उसने जोड़ लाया था । किसी क़ातिल से क्या नजरे मिलाना वो क्या समझेगा जिसने प्यार का दीदा ...
रिपोर्ट की समस्या
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