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वियोग - श्रृंगार रस

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शीर्षक - वियोग श्रृंगार रस क्यों? करते हैं,हम,इंतजार तेरा,आज भी क्यों? निगाहें,तरस जाती हैं दीदार को, तेरे आज भी ll दिल की, धड़कन को, कौन समझाए, अब,भला ज़ब, कोई निशान भी, तेरा,नहीं रहा, आज भी ll ...

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लेखक के बारे में
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Meena (Sumi) Rawlani

क्यों तुम पहचान कर भी अनजान बने रहते हो दोस्ती का मुखौटा पहनकर दुश्मनों सा व्यवहार करने लगते हो ll शायद यही होती है दोस्ती ऐसी कहलाती है दोस्ती पहले दोस्त बनाते हो फिर दुश्मन बनकर पीठ में खंजर घोपने लगते हो l Sumi

समीक्षा
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  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    17 मई 2023
    लाजवाब, वियोग का संयोग लिए उत्कृष्ट प्रस्तुति। ।बेमिसाल भावनाओ को उकेरा है।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    17 मई 2023
    लाजवाब, वियोग का संयोग लिए उत्कृष्ट प्रस्तुति। ।बेमिसाल भावनाओ को उकेरा है।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।