"विवश" शब्द में भी स्वयं की विवशता है। रच दिया जिसने भी कोश में निकाल कर अर्थ की,की व्यवस्था है। सब कोई विवश यहां, कोई नहीं दिखता स्वतन्त्र है। कोई तन से तो कोई मन से, धन से विवश कोई-कोई, आत्मा ...

प्रतिलिपि"विवश" शब्द में भी स्वयं की विवशता है। रच दिया जिसने भी कोश में निकाल कर अर्थ की,की व्यवस्था है। सब कोई विवश यहां, कोई नहीं दिखता स्वतन्त्र है। कोई तन से तो कोई मन से, धन से विवश कोई-कोई, आत्मा ...