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"विवश"

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"विवश" शब्द में भी स्वयं की विवशता है। रच दिया जिसने भी कोश में निकाल कर अर्थ की,की व्यवस्था है। सब कोई विवश यहां, कोई नहीं दिखता स्वतन्त्र है। कोई तन से तो कोई मन से, धन से विवश कोई-कोई, आत्मा ...

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लेखक के बारे में
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प्रीति शर्मा

लिखने का शौक था बचपन में,पर माहौल नहीं। मां का डर शौक पर भारी था।फिरलम्बे अंतराल कुछ रियायत हुई तो कुछ कवितायें,लेख लिखे,लोकल पत्रिकाओं व अखबारों में छपे भी,कार्य गोष्ठी में भी पढाऔर फिर शादी और बीस साल का लम्बा अंतराल। मां की याद में उनके जाने के चार दिन बाद अपनी अभिव्यक्ति कविता के रूप में।अब अपना पेज"कुछ अनकही"पर कभी कभी अभिव्यक्तियां लिख देती हूं।स्कूल में हिंदी प्राध्यापिका हूं। बच्चे पढ़ने वाले हैं तो समय कम ही मिलता है। प्रतिलिपि पर दो साल हो चुके हैं और अब चौदह लाख पाठक संख्या होने वाली है।स्वदेश में"अमर जवान" कहानी प्रथम स्थान पर आई जिसमें नगद पुरस्कार मिला था।" डायरी लेखन अक्टूबर" दूसरा स्थान मिला है। इससे पहले प्रतिलिपि पेन फ्रेंड मैं कई सारी प्रतियोगिताओं में प्रथम,द्वितीय, तृतीय स्थान,निबंध, कविता और कहानियों पर मिले। पिछले वर्ष श श श... हांटैड कैमरा और मानसून कहानियों,कोरोना वारियर के नाम पत्र में भी प्रमाण पत्र मिला,मंथ ऑफ द वीक"माँ"पर और शार्ट स्टोरी आदि रचनायें, पुरस्कृत रचनाओं में शामिल हुईं। प्रतिलिपि ने मेरे लेखन के शौक को पंख दिए इसके लिए प्रतिलिपि का धन्यवाद💐💐💐💐🙏🙏🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Purnima Dixit
    16 फ़रवरी 2020
    बहुत सुंदर भाव एवं रचना 🙏🌹।
  • author
    Jagrit vats
    13 फ़रवरी 2020
    nice written 👌👌👌🙏
  • author
    Sohan Dabiyal
    12 फ़रवरी 2020
    वाह बेहतरीन रचना
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    Purnima Dixit
    16 फ़रवरी 2020
    बहुत सुंदर भाव एवं रचना 🙏🌹।
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    Jagrit vats
    13 फ़रवरी 2020
    nice written 👌👌👌🙏
  • author
    Sohan Dabiyal
    12 फ़रवरी 2020
    वाह बेहतरीन रचना