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विस्मय

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सीमा     प्रत्येक चीजों की सीमा है     परन्तु तिस्कार की कोई हद नहीं....      पेट भरा हो और खिलानेवाले की चाहत      भूखे पेट को तिस्कार एक रोटी खिलाने की हद नहीं....       चारो और बिखरे रिश्तो हो ...

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लेखक के बारे में
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Rachana Jasrapuria
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    25 फ़रवरी 2023
    बेहद खूबसूरत रचना लिखा आपने 👌👌👌👏👏👏
  • author
    Geeta Bhadauria
    09 जनवरी 2023
    वाह! बहुत खूब।
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    25 फ़रवरी 2023
    बेहद खूबसूरत रचना लिखा आपने 👌👌👌👏👏👏
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    Geeta Bhadauria
    09 जनवरी 2023
    वाह! बहुत खूब।