pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

विश्वासघात ; कविता

4.9
1116

मन से आश्रित को धोखा देना,                         विश्वासघात कहलाता है। यह ऐसा संगीन जुर्म है,                         जो प्रायः व्यक्ति कर जाता है ।। नहीं है भ्रम यह कोई मन का , यही सत्य है नर ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मैं ......?? दिनकर का मित्र, तुलसी का भक्त ! खुद में ही मस्त, सुख से विरक्त !! मुझमे बसे, जीवन की आस! डरती है मृत्यु, दुख मेरा दास !! परिचय मेरा, भारत विशाल ! इसकी मैं धूल, यह मेरा भाल !! आना तभी , तुम मेरे पास ! छूटे जभी, सारे प्रयास !! संसार को, करके विलय ! लाता है जो, पूरण प्रलय ! उस शम्भु का, मैं शिष्य हूँ ! निज सभ्यता का, भविष्य हूँ ! जय श्री राम जी की 🙏🙏🙏🙏🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Sharma
    24 സെപ്റ്റംബര്‍ 2019
    आज तो व्यसन बन गया है विश्वास, जिसमें है विष का वास। क्यों रखते हम आस, लेकर साथ विश्वास?? रे मानव खु़द के अन्दर झाँको, खु़द में है ईश्वर का वास। प्राणिमात्र में आत्मतत्व है, इनमें ही परमात्वतत्व है। क्यों करता आघात?? ईश्वर संग विश्वासघात।।
  • author
    15 സെപ്റ്റംബര്‍ 2019
    जीवन का कटु यथार्थ इतनी सहजता से बयां कर दिया आपने मानो कितनी परिपक्व कलम से निकली हो रचना.......गजब सृजनात्मकता 👏👏👏👏👏👏👌👌👌👌👌👌
  • author
    sushma gupta
    08 സെപ്റ്റംബര്‍ 2019
    बेहतरीन विश्वासघात की परिभाषा 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻आपका लेखन पढकर ऐसा लगता है कि जीवन का बहुत सा अनुभव लिए हुए किसी रचनाकार के भाव हैं, बहुत ही सूझबूझ से विषयों का बहुत सुन्दर चयन, बहुत ही बढिया लिखा 👌💐👌💐👌💐👌💐👌💐🌟🌟🌟🌟🌟
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Sharma
    24 സെപ്റ്റംബര്‍ 2019
    आज तो व्यसन बन गया है विश्वास, जिसमें है विष का वास। क्यों रखते हम आस, लेकर साथ विश्वास?? रे मानव खु़द के अन्दर झाँको, खु़द में है ईश्वर का वास। प्राणिमात्र में आत्मतत्व है, इनमें ही परमात्वतत्व है। क्यों करता आघात?? ईश्वर संग विश्वासघात।।
  • author
    15 സെപ്റ്റംബര്‍ 2019
    जीवन का कटु यथार्थ इतनी सहजता से बयां कर दिया आपने मानो कितनी परिपक्व कलम से निकली हो रचना.......गजब सृजनात्मकता 👏👏👏👏👏👏👌👌👌👌👌👌
  • author
    sushma gupta
    08 സെപ്റ്റംബര്‍ 2019
    बेहतरीन विश्वासघात की परिभाषा 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻आपका लेखन पढकर ऐसा लगता है कि जीवन का बहुत सा अनुभव लिए हुए किसी रचनाकार के भाव हैं, बहुत ही सूझबूझ से विषयों का बहुत सुन्दर चयन, बहुत ही बढिया लिखा 👌💐👌💐👌💐👌💐👌💐🌟🌟🌟🌟🌟