मैं ......??
दिनकर का मित्र,
तुलसी का भक्त !
खुद में ही मस्त,
सुख से विरक्त !!
मुझमे बसे,
जीवन की आस!
डरती है मृत्यु,
दुख मेरा दास !!
परिचय मेरा,
भारत विशाल !
इसकी मैं धूल,
यह मेरा भाल !!
आना तभी ,
तुम मेरे पास !
छूटे जभी,
सारे प्रयास !!
संसार को,
करके विलय !
लाता है जो,
पूरण प्रलय !
उस शम्भु का,
मैं शिष्य हूँ !
निज सभ्यता का,
भविष्य हूँ !
जय श्री राम जी की
🙏🙏🙏🙏🙏
रिपोर्ट की समस्या
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