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कल आज और कल…… समय का चक्र अनवरत चल रहा है, और साथ ही चल रही है कहानियों और कविताओं की यात्रा….!!!
जीवन के संघर्ष को सहर्ष स्वीकार करना ही, उसे जीने की कला है।
मेरी रचनाएँ पढ़कर समीक्षा अवश्य दें।
जीवन को समझ कर उसको लेखनीबद्ध कर पाऊं इसलिए प्रतिलिपि को माध्यम चुना है। मेरे द्वारा रचित रचनाएं मौलिक हैं।
* राष्ट्रभाषा सेवा संघ की सदस्य।
* हिंदी अकादमी मुंबई द्वारा आयोजित काव्य लेखन प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार ( 5 जून 2020) ।
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