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विनम्र श्रद्धांजलि

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अर्श पे महशर की घड़ी हैं फ़र्द हैरान,तिफ़्ल की लड़ी हैं  बंद करों वाइज़ शोर को  मुनासिब फैसले की घड़ी हैं               पम्मी सिंह'तृप्ति'..✍ (महशर-प्रलय,फ़र्द-सूची, तालिका वाइज़ -नसीहत ...

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लेखक के बारे में

मैं ,अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kusum Kothari
    16 ফেব্রুয়ারি 2019
    उत्कृष्ट। छोटी रचना में गहरे और बड़े भाव।
  • author
    Sanjay Kumar Nirala "निराला"
    15 ফেব্রুয়ারি 2019
    पुलवामा के शहिदों को नमन 🙏 जय हिन्द 🇮🇳
  • author
    अभिलाषा चौहान
    15 ফেব্রুয়ারি 2019
    नमन
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    Kusum Kothari
    16 ফেব্রুয়ারি 2019
    उत्कृष्ट। छोटी रचना में गहरे और बड़े भाव।
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    Sanjay Kumar Nirala "निराला"
    15 ফেব্রুয়ারি 2019
    पुलवामा के शहिदों को नमन 🙏 जय हिन्द 🇮🇳
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    अभिलाषा चौहान
    15 ফেব্রুয়ারি 2019
    नमन