
प्रतिलिपिकुरु जनपद के राजा धनञ्जय, जिसकी राजधानी इन्द्रप्रस्थ थी, पृथ्वी लोक का सबसे पराक्रमी राजा माना जाता था। उसके राज्य में विधुर नाम का एक अत्यंत बुद्धिमान मंत्री था जिसके विवेक की कहानियाँ सर्वत्र सुनी-सुनायी जाती थीं। उन दिनों राजा धनञ्जय के समकालीन तीन और अत्यंत पराक्रमी राजा राज करते थे, जिनके नाम सक्क, वरुण और वेनतेय्या थे, जो क्रमश: देवों, नागों और सुपण्ण-यक्षों (स्वर्ण-गरुड़ों) के राजा थे। एक बार किसी अवसर पर चारों राजा एक बाग में एकत्रित हुए जहाँ उनमें यह विवाद उत्पन्न हो गया कि उन चारों में ...
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