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धर्मराज जी चिंतित मुद्रा में बैठे थे। आज उनका मुख्य कर्मचारी चित्रगुप्त नौकरी छोड़ कर चला गया। दिन रात काम में जुटे रहने पर भी चित्रगुप्त का वेतन बहुत कम था। पृथ्वी के हरेक प्राणी के कर्मों का ...