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विचित्र प्राणी

4.8
99

धर्मराज जी चिंतित मुद्रा में बैठे थे। आज उनका मुख्य कर्मचारी चित्रगुप्त नौकरी छोड़ कर चला गया। दिन रात काम में जुटे रहने पर भी चित्रगुप्त का वेतन बहुत कम था। पृथ्वी के हरेक प्राणी के कर्मों का ...

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लेखक के बारे में

शिक्षक

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Asha garg
    07 जून 2020
    बहुत ही सुंदर और बढ़िया रचना
  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    07 जून 2020
    सुन्दर रचना पर प्रस्तुति भी
  • author
    Mamta Upadhyay
    07 जून 2020
    बहुत सही👍👍
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  • author
    Asha garg
    07 जून 2020
    बहुत ही सुंदर और बढ़िया रचना
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    शेष कुमार "दीपक"
    07 जून 2020
    सुन्दर रचना पर प्रस्तुति भी
  • author
    Mamta Upadhyay
    07 जून 2020
    बहुत सही👍👍