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वेश्या और तवायफ़ कहा जा रहा है

3.5
573

लोकतन्त्र में------------------- भाषा का स्तर कितना ढहा जा रहा है, कोठे तो कोठे थे ही, अब घर की आबरु को भी------ वेश्या और तवायफ़ कहा जा रहा है। सदन में दलित और सवर्ण की माथा-पच्ची, और नजदीकी चुनाव ...

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लेखक के बारे में
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रंगनाथ दुबे

एड़वोकेट कालोनी,मियाँपुर,जिला--जौनपुर

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mukesh Singh
    01 मार्च 2018
    सच्चाई व्यक्त करते रचना।
  • author
    DrAnurag Srivastava
    18 जुलाई 2018
    very true
  • author
    Storyteller Ahana
    21 अक्टूबर 2020
    Bilkul sach h
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    Mukesh Singh
    01 मार्च 2018
    सच्चाई व्यक्त करते रचना।
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    DrAnurag Srivastava
    18 जुलाई 2018
    very true
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    Storyteller Ahana
    21 अक्टूबर 2020
    Bilkul sach h