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वीरान घर

4.3
55

वीरान घर वो घर सदियों से वीरान पड़ा शायद इस इंतज़ार में रहा कि उस घर का कोई मालिक आए और उस घर के अंदर रोशनी  का फिर से प्रवेश हो और फिर से चहल पहल हो।मगर कहां उस मां की आंखें रो रो कर पथरा गई ...

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लेखक के बारे में
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Kaushal Bandhna punjabi

कविता, कहानी, संस्मरण, लघुकथा,

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Arshad khan
    30 जनवरी 2020
    ये तोह सत्य है मेरे जीवन से जुड़ा हुआ।बहुत अच्छी कहानी
  • author
    31 जनवरी 2020
    बहुत खूब
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    Arshad khan
    30 जनवरी 2020
    ये तोह सत्य है मेरे जीवन से जुड़ा हुआ।बहुत अच्छी कहानी
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    31 जनवरी 2020
    बहुत खूब