pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

वात्सल्य की बारिश

4.6
31359

"मेरे छोटे लडके की हाल ही में शादी हुई थी। शादी के बाद एकतरह से कहें तो बहु भी बस चौथारी तक ही रह पाई थी। यानि बिलकुल ही नहीं रह पाई थी। बहु के आने के दूसरे दिन चौथारी की रश्म हुई थी। चौथारी के ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

टाटा स्टील के उत्पादन विभाग में काम करते हुए भी अगर साहित्य - सृजन की अकुलाहट को जिन्दा रखने में सफल हो पाया हूँ तो यह सरस्वती माँ की कृपा और आप सबों के स्नेह के कारण ही हो सका है। यही मेरा परिचय भी है और उपलब्धि भी। *वर्ष 1973 – 74 में जेपी आंदोलन में अगुआई, जेपी के तरुण शांति सेना के सिपाही बने । आपातकाल के दौरान वारंट जारी होने के कारण भूमिगत होना पड़ा । * 1975 जनवरी से टाटा स्टील में साक्षात्कार में चयनित होकर नौकरी शुरू की। *16 साल उत्पादन विभागों में तथा 19 साल तक योजना विभाग में कार्यरत । * इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेटल्स, कोलकता से मेतल्लुर्गी*(धातुकी) में इंजीनियरिंग , *इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मार्केटिंग मैनेजमेंट। *टाटा स्टील के इन हाउस मैगजीन में कई टेक्निकल पेपर प्रकाशित। अपने योजना विभाग में इन हाउस ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत 'ज्ञानअर्जन' सेशन का आयोजन, *योजना विभाग के ट्रेनिंग गाइड का प्रकाशन। *जनवरी 2014 से सेवानिवृति के बाद हिन्दी साहित्य की सेवा स्वरुप लेखन में सक्रियता। *विद्यार्थी जीवन में कॉलेज की मैगजीन में हिन्दी कविताओं का प्रकाशन । उससमय पटना से प्रकाशित अख़बार आर्यावर्त, इंडियन नेशन, प्रदीप तथा सर्चलाईट में कविता तथा लेखों का प्रकाशन । *1974-75 में जेपी आंदोलन के समय जेपी के विद्यार्थी एवं युवाशाखा के वाराणसी से प्रकाशित मुख्यपत्र ' तरुणमन ' में लेखों का लगातार प्रकाशन । *वर्ष 2005 से 2007 के बीच गया, बिहार में मानस चेतना समिति के मुख्यपत्र ' चेतना ' में कविता एवं लेखों का प्रकाशन। *अपनाब्लॉग marmagyanet.blogspot.com में ब्लॉग लेखन। *2015 में कहानी संग्रह "छाँव का सुख" हिन्द युग्म दिल्ली से प्रकाशित। *2018 जनवरी में उपन्यास "डिवाइड़र पर कॉलेज जंक्शन" भी हिंद युग्म से प्रकाशित। *वर्तमान में सिंहभूम हिन्दी सहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन, जमशेदपुर में सह सचिव , *अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, जमशेदपुर इकाई के उपाध्यक्ष . * यू टयूब चैन्नेल marmagya net पर मेरे काव्य पाठ को देख और सुन सकते हैं। प्रकाशित पुस्तकें : *पहली पुस्तक "छााँव का सुख" कहानी संग्रह के रूप में हिन्द युग्म प्रकाशन, दिल्ली से 2015 में प्रकाशित। दूसरी पुस्तक "डडवाइडर पर कॉलेज जंनशन" उपन्यास के रूप में हिन्द युग्म प्रकाशन, दिल्ली से 2018 में प्रकाशित । *अमेज़न किंडल (kdp) पर ई - बुक के रूप में प्रकाशित रचनाएं : कौंध - कविता संग्रह आई लव योर लाइज - रोमांटिक कहानियों का संग्रह. छूटता छोर अंतिम मोड़ - उपन्यास छाँव का सुख - कहानी संग्रह कोरोना कनेनशन - उपन्यास, चीन के वुहान शहर, जहाँ से कोरोना संक्रमण का फैलाव हुआ, की पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यास ताज होटल गेटवे ऑफ़ इंडिया - लघु उपन्यास और कितने तीखे मोड़: उपन्यास (सीजन १) महापुरुष या कापुरुष: उपन्यास (सीजन २) वेब सीरीज के लिए मााँ की मेहंदी सीजन 1 - उपन्यास (धारावाहिक) माँ की मेहंदी सीजन 2 - उपन्यास धारावाहिक "प्रतिलिपि " वेबसाइट पर प्रकाशन जारी है। सद्यः प्रकाशित कृति : तुम्हारे झूठ से प्यार है (कहानी संग्रह)। साझा संकलन: “मानस में स्त्री पात्र” - लेखों का साझा संकलन, जूही समर्पिता और डॉ अरुण सज्जन द्वारा संकलित नोशन पब्लिकेशन, चेन्नई द्वारा प्रकाशित. मौन हृदय का खोलेंगे: साझा काव्य संकलन. साहित्यिक उपलब्धियां: सन 2016: सबसे अधिक लेखकों और पाठकों से जुड़े वेबसाइट "प्रतिलिपि" द्वारा आयोजित प्रतियोगिता "बोलो कि लब आजाद हैं" के अंतर्गत "बेबाकीपन या बेहयापन" शीर्षक लेख को तृतीय स्थान मिला । सन 2017: साहित्यिकों द्वारा संचालित वेबसाइट "ओपन बुनस ऑनलाइन" द्वारा लघुकथा संग्रह प्रतियोगिता में सहभगिता प्रमाण पत्र। सन 2018: मई में "जम्मूऔर कश्मीर स्टडी केंन्द्र , दिल्ली" द्वारा आयोजजत दो दिवसीय सेमीनार में जमशेदपुर के प्रतिनिधि के रूप में भाग लेना। सन 2019: "प्रतिलिपि" पर ऐतिहासिक कहानियों की प्रतियोगिता "कालचक्र" में वीर बालिका मान्या पर आधारित काल्पनिक कहानी "प्रतिशोध का पुरस्कार" को तीसरा स्थान मिला। (इस कहानी संग्रह में यह कहानी छपी है) सन 2021: • प्रतिलिपि साइट द्वारा आयोजित "प्रतिलिपि कलमकार सम्मान - २०२१" में उपन्यास "डडवाइडर पर कॉलेज जंनशन" को टॉप फिफ्टी में सैंतीसवाँ स्थान। • स्टोरी ममरर साइट द्वारा “Literary Colonel" सम्मान। • राष्ट्रीय सृजन अभियान द्वारा "कोरोना कर्मवीर" से सम्मानित। • हिन्द युग्म प्रकाशन दिल्ली की बेस्ट सेलर किताबों में उपन्यास "डडवाइडर पर कॉलेज जंनशन" को Storytel द्वारा ऑडडयो बुक के रूप में ध्वन्यात्मका प्रकाशन। सन 2021- 22: "दी ग्राम टुडे प्रकाशन समूह" द्वारा दो दशक से अधिक समय से साहित्यिक उत्थान में योगदान के लिए "टी जी टी साहित्य रत्न सम्मान"। सम्बद्धता : सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन/ तुलसी भवन • सात - आठ वषों से जुड़ाव, वर्तमान में कार्यकारिणी सदस्य और सह सचिव • तुलसी भवन के कायक्रमों के प्रचार - प्रसार में सक्रिय भूमिका • तुलसी भवन के आधिकारिक फेसबुक पेज "तुलसी भवन" के एडमिन , • तुलसी भवन के यूट्यूब चैनल के प्रकाशक। • तुलसी भवन की पत्रिका "तुलसी प्रभा" के संपादक मंडल में. अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जमशेदपुर इकाई - कला सचिव, संगठन की वार्षिक पत्रिका "वाग्धारा" के संपादक मंडल के सदस्य । बहुभाषीय संस्था "सहयोग", जमशेदपुर - सामान्य सदस्य। जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र, जमशेदपुर इकाई के सदस्य । गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन से जुड़ाव। "पेड़ों की छााँव तले रचना पाठ", वैशाली ग़ज़िआबाद, दिल्ली एन सी आर से जुड़ाव। संपर्क: 3 A, सुन्दर गार्डन, संजय पथ, डिमना रोड, मानगो, जमशेदपुर (झारखण्ड) चलभाष: 7541082354 (व्हाट्सप्प) ई - मेल: [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शशांक भारतीय
    26 એપ્રિલ 2017
    बहुत खूबसूरत रचना,प्रकाश के बदले व्यवहार का कारण आपने धीरे से इशारा किया है बहू की तरफ, बहु के कमरे के AC में कोई और सो जाएं और बवाल न हो, हो ही नही सकता...☺
  • author
    Chander Shekhar
    25 એપ્રિલ 2017
    सुखद अंत देखकर बहुत अच्छा लगा। काश हकीकत में भी हर परिवार की कहानी का ऐसा ही अंत हो
  • author
    08 જુલાઈ 2018
    आदरणीय आपकी यह रचना बांधे रखने वाली शैली एवं सुखद अंत के साथ आँखों को भिगो देने वाली बहुत ही भावनात्मक कहानी है | साधुवाद
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शशांक भारतीय
    26 એપ્રિલ 2017
    बहुत खूबसूरत रचना,प्रकाश के बदले व्यवहार का कारण आपने धीरे से इशारा किया है बहू की तरफ, बहु के कमरे के AC में कोई और सो जाएं और बवाल न हो, हो ही नही सकता...☺
  • author
    Chander Shekhar
    25 એપ્રિલ 2017
    सुखद अंत देखकर बहुत अच्छा लगा। काश हकीकत में भी हर परिवार की कहानी का ऐसा ही अंत हो
  • author
    08 જુલાઈ 2018
    आदरणीय आपकी यह रचना बांधे रखने वाली शैली एवं सुखद अंत के साथ आँखों को भिगो देने वाली बहुत ही भावनात्मक कहानी है | साधुवाद