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वारिस।

4.7
600

लगभग तीन वर्ष के बाद मायके आना हुआ था,नौकरी के चलते,मैं और पति दोनों ही  हैदराबाद की एक कंपनी में थे,निजी कंपनियों में काम की अधिकता के कारण छुट्टियां बहुत ही कम मिलतीं है। कुछेक छुट्टियां  तो ...

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लेखक के बारे में
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Lalita Vimee

name ,lalita vimee,MA,BED,from,Haryana, working as Driving instructor.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    31 जनवरी 2020
    इस कहानी में कहानीकार ने यक्ष प्रश्न परात में ही रख दिया👌👌👌👌बहुत सटीक चित्रण👌👌👌 मुझे कहानी पढ़ कर बहुत सारे यक्ष प्रश्न अपने सामने लटकते दिख रहे हैं ??????????????? एक तरफ मानव तस्करी जो खूब चल रही है । जिसे आंखों देखी कह सकती हूं मैं👍👍👍 दूसरी तरफ औरत का शोषण ,जिसे यही नहीं पता कि उसे किसके लिए लाया गया है ।और एक वस्तु की तरह उपभोग किया जाएगा। पुलिस पर अविश्वास बिल्कुल सही दर्शाया है👌👌👌 पुलिस कोई सहयोग नहीं करती है ऐसे मामलों में ।ना सबूत होते हैं ना गवाह मिलते हैं,कोई करे भी क्या। नारी शोषण का चरम☹️☹️☹️☹️☹️☹️ जैसे लड़की सिर्फ एक नारी देह का नाम है किसी उपभोग की वस्तु की तरह🤔🤔🤔🤔🤔 नीता व मोल की दुल्हन ,दोनों की मनोस्थिति .........👌👌👌👌👌👍👍👍👍 इसे ही कहते हैं कहानीकार👍👍👍👍 कहाँ-कहाँ से प्रसंग उठा कर समाज की विद्रूपता को सामने रख,पाठक के सामने एक यक्ष प्रश्न छोड़ दिया है👏👏👏👏👏 ⭐⭐⭐⭐⭐ बेहतरीन👌👌👌👌
  • author
    विद्या शर्मा
    25 जनवरी 2020
    समाज में यह अक्सर होता है अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए हम किसी के भी जीवन के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं किसी पर भी अपनी इच्छाएं थोप सकते हैं तुम्हारी लेखनी से निकली एक बेहद शानदार और समाज के कड़वे सच को उजागर करती रचना
  • author
    sushma gupta
    25 जनवरी 2020
    ओह, लड़की न हुई ज़रुरत पूरी करने वाला बेहद गैरजरूरी प्राणी हो गई, न उसकी इच्छा से मतलब न अनिच्छा की फिक्र, जानवरों की तरह खरीद फरोख्त सी कर दी, ह्रदय स्पर्शी लेखन 💐💐💐💐💐💐💐
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    31 जनवरी 2020
    इस कहानी में कहानीकार ने यक्ष प्रश्न परात में ही रख दिया👌👌👌👌बहुत सटीक चित्रण👌👌👌 मुझे कहानी पढ़ कर बहुत सारे यक्ष प्रश्न अपने सामने लटकते दिख रहे हैं ??????????????? एक तरफ मानव तस्करी जो खूब चल रही है । जिसे आंखों देखी कह सकती हूं मैं👍👍👍 दूसरी तरफ औरत का शोषण ,जिसे यही नहीं पता कि उसे किसके लिए लाया गया है ।और एक वस्तु की तरह उपभोग किया जाएगा। पुलिस पर अविश्वास बिल्कुल सही दर्शाया है👌👌👌 पुलिस कोई सहयोग नहीं करती है ऐसे मामलों में ।ना सबूत होते हैं ना गवाह मिलते हैं,कोई करे भी क्या। नारी शोषण का चरम☹️☹️☹️☹️☹️☹️ जैसे लड़की सिर्फ एक नारी देह का नाम है किसी उपभोग की वस्तु की तरह🤔🤔🤔🤔🤔 नीता व मोल की दुल्हन ,दोनों की मनोस्थिति .........👌👌👌👌👌👍👍👍👍 इसे ही कहते हैं कहानीकार👍👍👍👍 कहाँ-कहाँ से प्रसंग उठा कर समाज की विद्रूपता को सामने रख,पाठक के सामने एक यक्ष प्रश्न छोड़ दिया है👏👏👏👏👏 ⭐⭐⭐⭐⭐ बेहतरीन👌👌👌👌
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    विद्या शर्मा
    25 जनवरी 2020
    समाज में यह अक्सर होता है अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए हम किसी के भी जीवन के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं किसी पर भी अपनी इच्छाएं थोप सकते हैं तुम्हारी लेखनी से निकली एक बेहद शानदार और समाज के कड़वे सच को उजागर करती रचना
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    sushma gupta
    25 जनवरी 2020
    ओह, लड़की न हुई ज़रुरत पूरी करने वाला बेहद गैरजरूरी प्राणी हो गई, न उसकी इच्छा से मतलब न अनिच्छा की फिक्र, जानवरों की तरह खरीद फरोख्त सी कर दी, ह्रदय स्पर्शी लेखन 💐💐💐💐💐💐💐