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वैम्पायर

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"आपके किस्से बहुत मशहूर हैं डॉक्टर साहब!" मैंने कहा। डॉक्टर साहब मुस्कुराए। खिड़की से छन कर आ रहे सूरज की रौशनी में उनके सफ़ेद दाँत मोतियों से चमक रहे थे। उनके होंठ सुर्ख लाल थे, मानो पान को थूकने के ...

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लेखक के बारे में
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मुदित आंशिक
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पवनेश मिश्रा
    14 मई 2020
    बहुत खूब, बेहतरीन कथानक हेतु बहुत बहुत बधाई मुदित जी 🙏🌹🙏,
  • author
    Piya070994 "Priya070994"
    25 जून 2020
    Ye kahani sachi he??
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    पवनेश मिश्रा
    14 मई 2020
    बहुत खूब, बेहतरीन कथानक हेतु बहुत बहुत बधाई मुदित जी 🙏🌹🙏,
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    Piya070994 "Priya070994"
    25 जून 2020
    Ye kahani sachi he??