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वक्त-बेवक्त अब मेरी आंखें रोती नहीं...

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" रुकने का कोई मतलब नहीं " आपने हमें अपनी जिंदगी से ऐसे निकाला दोबारा कभी मिले नहीं ! नफ़रत की अब कोई इंतेहा नहीं बची, बेवफा़ई का भी अभी अब कोई गिला - शिकवा नहीं ! वक्त ...

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लेखक के बारे में
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राधिका रानी

Dil bhi tut gya sapne bhi bikhar gye bas ek mai hi ni tuti our na bikhari kabhi💔💔💔💞💞💞

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jyoti Saini "क्वीन"
    03 अक्टूबर 2021
    nice
  • author
    Suman Jay
    03 अक्टूबर 2021
    😌😌😌😌
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    Jyoti Saini "क्वीन"
    03 अक्टूबर 2021
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    03 अक्टूबर 2021
    😌😌😌😌