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वैश्यालय

4.4
18770

ढूढ़ रही हूँ में उसको उन चद्दर की सिलवटों में प्रेमधीन हुए जोड़ों के बोसो में लबों पर टपकती हुई बारिश की बूंदों में वैश्यालयो के विषादो में सभ्य समाज की गालियों में मेरी पीठ पर पड़े हुए छालों में ...

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लेखक के बारे में
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Rushi Bhatt
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Deepak SINGLA
    18 अक्टूबर 2018
    बड़ी शिद्दत से एक प्रेम कहानी की व्याख्या
  • author
    Hemant Patel
    25 दिसम्बर 2019
    स्त्री की मनकी बाँसुरी के दर्द को समझ पाना इंसानो के बस की बात नहीं।
  • author
    hani singh
    27 नवम्बर 2021
    मैंने जब से प्रतिलिपि पर कहानियाँ पढ़ना शुरू किया है उनमे आज तक की ये सबसे मधुर और वास्तविक रचना प्रतीत हो रही हैं आशा करता हूँ कि आगे भी आपके द्वारा रचित इस रचना से भी बढ़कर पढ़ने को मिलेगा सप्रेम नमस्कार
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    Deepak SINGLA
    18 अक्टूबर 2018
    बड़ी शिद्दत से एक प्रेम कहानी की व्याख्या
  • author
    Hemant Patel
    25 दिसम्बर 2019
    स्त्री की मनकी बाँसुरी के दर्द को समझ पाना इंसानो के बस की बात नहीं।
  • author
    hani singh
    27 नवम्बर 2021
    मैंने जब से प्रतिलिपि पर कहानियाँ पढ़ना शुरू किया है उनमे आज तक की ये सबसे मधुर और वास्तविक रचना प्रतीत हो रही हैं आशा करता हूँ कि आगे भी आपके द्वारा रचित इस रचना से भी बढ़कर पढ़ने को मिलेगा सप्रेम नमस्कार