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वैदिक और शास्त्रीय संस्कृत साहित्य में दृश्यमान पर्यावरण संवेदनशीलता

4.9
388

कस्त्वं भो कविरस्मि तत्किमु सखे क्षीणो S स्यनाहारत : धिग्देशं गुणिनो S पि दुर्गतिरियम् देशं न मामेव धिक् | पाकार्थी क्षुधितो यदैव विदधे पाकाय बुद्धिं तदा ...

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समीक्षा
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  • author
    Vandana Rastogi
    29 सितम्बर 2018
    श्रेष्ठ ।तीन तत्वों के प्रदूषित होने से शेष दोनो तत्व भी प्रभावित होगे अतः सभी तत्वों का संरक्षण आवश्यक है।
  • author
    Bably Sharma
    02 फ़रवरी 2019
    आपने जीवन के यथार्थ को बहुत ही गहराईयों सहित वर्णन किया है। प्रणाम सर
  • author
    02 जुलाई 2018
    बहुत ही आवश्यक आलेख जो पूरी कसावट के साथ लिखा गया है।हार्दिक बधाई।
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    Vandana Rastogi
    29 सितम्बर 2018
    श्रेष्ठ ।तीन तत्वों के प्रदूषित होने से शेष दोनो तत्व भी प्रभावित होगे अतः सभी तत्वों का संरक्षण आवश्यक है।
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    Bably Sharma
    02 फ़रवरी 2019
    आपने जीवन के यथार्थ को बहुत ही गहराईयों सहित वर्णन किया है। प्रणाम सर
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    02 जुलाई 2018
    बहुत ही आवश्यक आलेख जो पूरी कसावट के साथ लिखा गया है।हार्दिक बधाई।