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वाह रे , जवानी की मस्ती !

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कभी मैंने जिसको ठुकराया  , वो आज बड़ी ही मस्त लगी  l रंग - रूप उसका मस्त खिला  , मुझको तो मिस इंडिया ही लगी  ll ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा - M.A (sociology) , osmania university सारस्वत सम्मान - विद्यावाचस्पति " भारत गौरव " उपाधि प्राप्त पांच पुस्तकों के लेखक मेरा हैदराबाद में ही निवास है । ईश्वर ने हमे प्रकृति दी , हमे इस पृथ्वी पर भेजा । क्यों नहीं हम , इस प्रकृति सम्मत जीवन का पूर्ण आनद ले ? शब्दों की अभिव्यक्ति ही , इंसान की पहचान बनाती है ।

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    UNICUS
    11 मई 2024
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