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वधु

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बालिका वधु हो या वयस्क वधु, क्या फर्क पड़ता है ससुराल में। काम बस काम। कभी बिमार नहीं पड़ना। कभी बड़ों को नहीं बताना कि आप कितने गलत हैं। जी हुजुरी करना। सीधे बने रहना। पति से कम बात करना। हरदम ...

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लेखक के बारे में
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Geeta Arya

🌹🌹🌹🌹🌹हरे रामा हरे कृष्णा 🌹🌹🌹🌹🌹

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    mohan lal
    30 ഒക്റ്റോബര്‍ 2024
    🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺🍓🍓सबसे पहले तो आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं मां लक्ष्मी आप पर सदा मेहरबान रहे यही मैं कामना करता हूं मैं आपकी रचना पढ़ता हूं आशा करता हूं आप भी मेरी रचना सभी जो रचना है वह एक बार जरूर पढ़ो अपना आशीर्वाद दोगे बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
  • author
    anshu saxena
    30 ഒക്റ്റോബര്‍ 2024
    गीता दीदी सही कहा आपने! मेरा ऐसा मानना है कि नारी अपने इन्हीं अच्छे और सच्चे गुणों क़े कारण गृह लक्ष्मी है! आपको सपरिवार दीप मालिका कि सादर हार्दिक शुभकामनायें 😊🙏
  • author
    Rakesh Chaurasia
    29 ഒക്റ്റോബര്‍ 2024
    बिल्कुल सही लिखा है आपने। पहले भी यही सच्चाई थी और आजकल हां लड़कियां पढ़ लिख गई हैं परंतु आज भी ऐसा होता आ रहा है। बहुत सुन्दर विचार प्रस्तुत करे हैं आपने।
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    mohan lal
    30 ഒക്റ്റോബര്‍ 2024
    🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺🍓🍓सबसे पहले तो आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं मां लक्ष्मी आप पर सदा मेहरबान रहे यही मैं कामना करता हूं मैं आपकी रचना पढ़ता हूं आशा करता हूं आप भी मेरी रचना सभी जो रचना है वह एक बार जरूर पढ़ो अपना आशीर्वाद दोगे बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
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    anshu saxena
    30 ഒക്റ്റോബര്‍ 2024
    गीता दीदी सही कहा आपने! मेरा ऐसा मानना है कि नारी अपने इन्हीं अच्छे और सच्चे गुणों क़े कारण गृह लक्ष्मी है! आपको सपरिवार दीप मालिका कि सादर हार्दिक शुभकामनायें 😊🙏
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    Rakesh Chaurasia
    29 ഒക്റ്റോബര്‍ 2024
    बिल्कुल सही लिखा है आपने। पहले भी यही सच्चाई थी और आजकल हां लड़कियां पढ़ लिख गई हैं परंतु आज भी ऐसा होता आ रहा है। बहुत सुन्दर विचार प्रस्तुत करे हैं आपने।