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वधू चाहिए

4.6
35600

पता है तुम्हारे आने से मेरी दुनिया बहुत हसीं हो गयी थी.मेरी जिंदगी में एक उत्साह, एक खनक आ गयी थी.मैं तुम्हे मुस्कुरा के देखता था जब तुम मुझे मेरी रिश्तेदारों की ख़ुफ़िया जानकारियां बताती थी.तुम्हे ...

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लेखक के बारे में
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शशांक भारतीय

अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    RG K
    21 जनवरी 2018
    अमेज़िंग स्टोरी पर आप इस कहानी का स्त्री संस्करण भी निकालो किर्पया जैसे वो क्यों शादी के बाद अपने पति पर ध्यान नहीं देती और चिट्टी पड़ते समय वो क्या महसूस कर रही थी।किर्पया जवाब लिख kar जरूर बताना के आप इस्त्री संस्करण लिखो गे या नही।धन्यवाद।।
  • author
    अभिलाष दत्ता
    26 अप्रैल 2017
    किसी भी पुरुष के जीवन में जो रोज़ उठा पटक चलती रहती है , उसे पुरुष अपने दिल और दिमाग में ही रख लेते है , किसी से कुछ नहीं बताते है । इसी चीज़ को बहुत खूबसूरत अंदाज़ में आपने अपनी रचना में दिखाया है । जीवन में हो रहे शहरीकरण का सजीव चित्रण किया है आपने ।।
  • author
    मोनिका वर्मा
    21 अप्रैल 2017
    is kahani k lie shabd nhi hai mere pass.... shashank ji bhut acha likha hai aapne
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    RG K
    21 जनवरी 2018
    अमेज़िंग स्टोरी पर आप इस कहानी का स्त्री संस्करण भी निकालो किर्पया जैसे वो क्यों शादी के बाद अपने पति पर ध्यान नहीं देती और चिट्टी पड़ते समय वो क्या महसूस कर रही थी।किर्पया जवाब लिख kar जरूर बताना के आप इस्त्री संस्करण लिखो गे या नही।धन्यवाद।।
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    अभिलाष दत्ता
    26 अप्रैल 2017
    किसी भी पुरुष के जीवन में जो रोज़ उठा पटक चलती रहती है , उसे पुरुष अपने दिल और दिमाग में ही रख लेते है , किसी से कुछ नहीं बताते है । इसी चीज़ को बहुत खूबसूरत अंदाज़ में आपने अपनी रचना में दिखाया है । जीवन में हो रहे शहरीकरण का सजीव चित्रण किया है आपने ।।
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    मोनिका वर्मा
    21 अप्रैल 2017
    is kahani k lie shabd nhi hai mere pass.... shashank ji bhut acha likha hai aapne