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उठो जागो हुआ सवेरा वक्त ने ली अंगड़ाई है

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उठो जागो हुआ सवेरा वक्त ने ली अंगड़ाई है उठो जागो हुआ सवेरा वक्त ने ली अंगड़ाई है पता नहीं कितने अनगिनत जगाने वाले आये आये और आ आकर चले गये उसके पहले न जाने कितने लोग आकर किसी अनजान कुऐं की जाने ...

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लेखक के बारे में
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Pramod Kumar Singhal
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Indresh Uniyal
    18 जून 2022
    समसामयिक रचना हेतु हार्दिक धन्यवाद।
  • author
    DeepikaSharma
    17 जून 2022
    👍
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  • author
    Indresh Uniyal
    18 जून 2022
    समसामयिक रचना हेतु हार्दिक धन्यवाद।
  • author
    DeepikaSharma
    17 जून 2022
    👍