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उसने समझा??

4.1
6529

अबकी बार कुछ सोचा है कि नहीं,,,गौतमी ने चाय का प्याला लगभग मेज पर पटकते हुए कहा। वागीश- अरे,,ये कोई तरीका है,, गौतमी- तरीका गया चूल्हे में जो मैं पूंछ रही हूं पहले वो बताओ। वागीश जो एक पल के लिये ...

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लेखक के बारे में
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अचलेश

मैं एक खास सोच का आम इंसान हूँ ।समाज की विडम्बनाओं से मन खट्टा होता है तो भावनाओं को कागज पर उतार देता हूँ ।स्वतंत्रता और कर्तव्य आदर्श हैं जो हमारे अधिकारों के आधार हैं। मैं चाहता हूँ कि समाज में एक स्वस्थ विमर्श को स्थान मिले जिसके लिए मैं लेखन के माध्यम से प्रयत्नशील हूँ। शिक्षा-एम ए आर्कियोलॉजी। मैं एक लाॅ प्रोफेशनल हूं। कला मुझे आकर्षित करती है जो हर इंसान में स्वाभाविक है। प्रकृति और उसके सर्जन से बेहद लगाव है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    priyanka
    09 फ़रवरी 2019
    Interesting waiting for next part
  • author
    Anamika Shukla "Ana"
    09 फ़रवरी 2019
    interesting...waiting for next part
  • author
    Dr. Santosh Chahar "ज़ोया"
    09 फ़रवरी 2019
    बहुत ही रोचक तरह से शुरुआत की है। प्रंसग भी दमदार लग रहा है। अगले अंक का इंतजार।
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    priyanka
    09 फ़रवरी 2019
    Interesting waiting for next part
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    Anamika Shukla "Ana"
    09 फ़रवरी 2019
    interesting...waiting for next part
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    Dr. Santosh Chahar "ज़ोया"
    09 फ़रवरी 2019
    बहुत ही रोचक तरह से शुरुआत की है। प्रंसग भी दमदार लग रहा है। अगले अंक का इंतजार।