बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की जबान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्टवालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों ...
जन्म: 7 जुलाई 1883, पुरानी बस्ती, जयपुर, राजस्थान भाषा : हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी विधाएँ : कहानी, निबंध, व्यंग्य, कविता, आलोचना, संस्मरण प्रमुख कृतियाँ : गुलेरी रचनावली (दो खंडों में) संपादन : समालोचक, नागरी प्रचारिणी पत्रिका (संपादक मंडल के सदस्य) निधन: 12 सितंबर 1922, बनारस चन्द्रधर गुलेरी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, उन्होने हिन्दी, संस्कृत, पाली, प्राकृत एवं इंग्लिश भाषाओं में साहित्य का सृजन किया है। उन्होने साथ ही खगोल विज्ञान, ज्योतिष, धर्म, भाषा विज्ञान, इतिहास, शोध, आलोचना आदि अनेक दिशाओं में कार्य किया. ह कुछ समय तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राच्य विभाग में प्राचार्य भी रहे।
<p><span style="font-size:16px"><strong>जन्म</strong>: 7 जुलाई 1883, पुरानी बस्ती, जयपुर, राजस्थान</span></p> <p><span style="font-size:16px"><strong>भाषा :</strong> हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी</span></p> <p><span style="font-size:16px"><strong>विधाएँ :</strong> कहानी, निबंध, व्यंग्य, कविता, आलोचना, संस्मरण</span></p> <p><span style="font-size:16px"><strong>प्रमुख कृतियाँ :</strong> गुलेरी रचनावली (दो खंडों में)</span><br /> </p> <p><span style="font-size:16px"><strong>संपादन :</strong> समालोचक, नागरी प्रचारिणी पत्रिका (संपादक मंडल के सदस्य)</span></p> <p><span style="font-size:16px"><strong>निधन:</strong> 12 सितंबर 1922, बनारस</span></p> <p> </p> <p><span style="font-size:16px"><span style="color:rgb(0, 0, 0); font-family:mangal">चन्द्रधर गुलेरी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, उन्होने हिन्दी, संस्कृत, पाली, प्राकृत एवं इंग्लिश भाषाओं में साहित्य का सृजन किया है। उन्होने साथ ही </span><span style="color:rgb(0, 0, 0); font-family:mangal,cdac-gistyogesh,tahoma">खगोल विज्ञान, ज्योतिष, धर्म, भाषा विज्ञान, इतिहास, शोध, आलोचना आदि अनेक दिशाओं में कार्य किया. </span><span style="color:rgb(0, 0, 0); font-family:mangal,cdac-gistyogesh,tahoma">ह कुछ समय तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राच्य विभाग में प्राचार्य भी रहे।</span></span></p>
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