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उसका सर मेरी गोद में था और आँखे मेरी आँखों में,

4.8
590

उसके चेहरे पर मीठी सी मुस्कान थी और तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया उसकी आँखों को देख कर कोई भी समझ सकता था की कितना भरोसा है उसे मुझ पर हमारे साथ होने का एहसास मुझे भीतर तक रोमांचित कर रहा था सोचती थे की ...

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लेखक के बारे में
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खुशबू जैन

खुश बू

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    लकी निमेष "lucky"
    03 जून 2018
    बहतरीन मेरी ग़ज़ल " कच्ची मिटटी को भी पढे
  • author
    Sumedha Prakash
    05 अक्टूबर 2018
    क्या बात है अति सुन्दर
  • author
    संजू कितावत
    05 अगस्त 2018
    besssttttt feeling...
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  • author
    लकी निमेष "lucky"
    03 जून 2018
    बहतरीन मेरी ग़ज़ल " कच्ची मिटटी को भी पढे
  • author
    Sumedha Prakash
    05 अक्टूबर 2018
    क्या बात है अति सुन्दर
  • author
    संजू कितावत
    05 अगस्त 2018
    besssttttt feeling...